सोमवार, 26 अप्रैल 2010

खबरें इधर-उधर की

सरकारी एम्बुलेंस में बारात
कांकेर। सरकारी एम्बुलेंस में बाराती ले जाने का मामला प्रकाश में आया है। जिसकी शिकायत करने चारामा वाहन चालक संघ आज स्वास्थ्य अधिकारी को किये जाने के बाद कांकेर में शिकायत दर्ज कराई।
वाहन चालक संघ के सदस्यों ने अपनी शिकायत में बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चारामा की नई सुमो(एम्बुलेन्स)के चालक लक्ष्मण सलाम ने 24 अप्रेल को ग्राम रतेसरा से बारातियो को कोडेगांव जिला धमतरी ले जाया गया है। जिस पर वाहन चालक संघ के अध्यक्ष शंकरपुरी गोस्वामी ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि एम्बुलेंस वाहन यदि बाराती ढोते रहेंगे तो बीमार मरीजों का क्या होगा? साथ ही बाकी हम गरीब वाहन चालकों का क्या होगा? बारात ले जाते समय जानकारी मिलने पर वाहन चालक संघ द्वारा चालक लक्ष्मण को मना करने पर उसके द्वारा अपशब्द कहा गया तथा जहां शिकायत करना है कर लो कह कर धमकी देते हुउए एम्बुलेंस में बाराती बिठाकर रवाना हो गया। वाहन चालक संघ ने चालक लक्ष्मण सलाम पर उचित कार्यवाही किए जाने की मांग स्वास्थ्य विभाग से की है।

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क्रिकेट बैट से पीट-पीटकर पत्नी की हत्या

रायगढ़। शराब के नशे में पत्नी से विवाद होने पर एक व्यक्ति ने क्रिकेट बैट से पीट-पीटकर उसे मौत के घाट उतार डाला। घटना  सुबह मिट्ठुमुड़ा सारथी मोहल्ले में घटित हुई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार जूट मिल चौकी अंतर्गत मिट्ठुमुड़ा सारथी मोहल्ला निवासी मंगल सारथी उम्र 32 वर्ष का  सुबह करीब 11 बजे अपनी पत्नी गीता बाई से विवाद हो गया। बताया जाता है कि मंगल आदतन शराबी है और जो कुछ कमाता है पीने में उड़ा देता है जिसके कारण गीता बाई गली-मोहल्ले घुम-घुमकर कबाड़ का सामान इकट्ठा कर उसे बेचकर अपने चार बच्चों सहित परिवार का भरण पोषण करती थी। पिछले दिनों मंगल सारथी की बहन के घर में मेहमान आने पर गीता बाई और मंगल में कमाकर लाने को लेकर विवाद हुआ था। इसी क्रम में  सुबह जब मंगल शराब पीकर घर लौटा तो गीता बाई अपने पति को खरी-खोटी सुनाने लगी जिस बात को लेकर पति-पत्नी में विवाद शुरू हो गया और विवाद बढऩे पर आक्रोशित होकर मंगल घर में रखे क्रिकेट बैट से गीता के सिर पर ताबड़तोड़ प्राणघातक हमला कर दिया जिससे मौके पर ही गीता बाई की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग पंचनामा कार्रवाई पश्चात शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाते हुए भादवि की धारा 302 के तहत आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है।

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घायल को भी नहीं बख्शा

रायपुर। शहर के हृदय स्थल जयस्तंभ चौक में घायल अवस्था में पड़े एक व्यक्ति के जेब से किसी ने 6 हजार रुपए नगद सहित मोबाइल फोन पार कर दिया।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोटा निवासी अब्दुल रहीम का पुत्र अब्दुल शकील 30 वर्ष टिफिन सेंटर चलाता है। रोज की तरह वह कल रात भी अपनी मोटर साइकिल से रात करीब 10 बजे टिफिन बांटने निकला था। लेकिन रात भर वह घर नहीं लौटा। सुबह परिजनों को खबर मिली कि अब्दुल शकील सड़क हादसे में घायल होकर अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती है। घबराए परिजन जब अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि गोलबाजार की पेट्रोलिंग पार्टी ने उसे जयस्तंभ चौक में घायल अवस्था में पड़े देखा और अस्पताल में भर्ती कराया। परिजनों ने बताया कि शकील के सिर व पिछले हिस्से में चोट के निशान हैं जिससे लगता है कि किसी ने उस पर हमला किया है। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि शकील जब घर से निकला था तो उसकी जेब में 6 हजार रुपए नगद सहित मोबाइल फोन भी था, जो उसकी जेब से गायब हो चुका है। समाचार लिखे जाने तक घायल शकील को होश नहीं आया था, इधर पुलिस ने उसके होश में आने के बाद बयान दर्ज करने की बात कही है।

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नहीं बदली तांगेवालों की जिंदगी

दुर्ग। निरंतर बदलते समय के साथ शहर की प्रगति के भी कई पन्ने बदल गए। किंतु दुर्ग शहर के आधा सैकड़ा के आसपास टांगेवालों का जीवन आज भी उसी ढर्रे पर चल रहा है। बदलाव के नाम पर पारंपरिक पेशे से विमुख होती नई पीढ़ी, सतत सिमटता जा रहा कमाई का जरिया और तांगे गाड़ी के लकड़ी के पहिये की जगह मोटर गाडिय़ों के पहियों का इस्तेमाल को ही इस कुनबे की उपलब्धि कहा जा सकता है। सुरसा की तरह बढ़ती महंगाई के इस युग में टांगे वाले किसी तरह अपने परिवार का पेंट पाल रहे हैँ। मोटर गाड़ी के  जमाने में तांगे वालों की जीविका बचाए रखने पिछले दिनों जिला कलेक्टर ठाकुर रामसिंह ने इंदिरा मार्केट की कुछ प्रमुख सड़कों को टांगेवालों के लिए सुरक्षित घोषित किया है।

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4 टिप्‍पणियां:

  1. सार समाचार बढिया रहे सोनी जी।

    जरा टेम्पलेट का कलर बदलिए
    बैकग्राउंड से काला कलर हटाईए।
    तो पढ़ने में आसानी होगी

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  2. ... लघु पेपर पढ लिया ... समाचार भी दमदार हैं !!!

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  3. aadmi bahut kamina, kutta aor haramjyada ho gaya hai yarr!!


    kya kare aub to aadmi bane rahne ka man bhi tut gaya hai


    kya aadmi kuchh aor ban sakta hai

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