हम लोग उसे भूत कहते थे। नाम था - भूतनाथ। मजाक-मजाक में उसके लिए चुटकुला भी बना लिया था कि ...भूत आ जाएगा। दरअसल, जब भी कुछ खाने (या पीने) बैठो तो वह अचानक ही आ धमकता था और बिना कुछ कहें, पूछे ही हमारी बैठकी का हिस्सा बन जाता था। खाने-पीने का सारा कार्यक्रम दफ्तर में शाम को छुट्टी के बाद शुरू होता था। भूत की पत्नी गांव में थी। वह यहां शहर में अपनी बूढ़ी मां के साथ ही था। किसी प्रायवेट कंपनी में काम करता था। कहते हैं कि उसकी बूढ़ी मां टोनही थी। उससे सब डरते थे। हालांकि मुझे इसमें कोई सच्चाई कभी नजर नहीं आई। कभी-कभी हम तीन-चार लोग चंदेबाजी कर मुर्गा वगैरह भी लाते थे, जिसे भूत ही अपने घर में पकाता था। चावल वह अपनी ओर से पका लाता था। दफ्तर से ठीक बाजू में उसका झोपड़ीनुमा घर आज भी है। पर आज न भूत है, न उसकी बूढ़ी माँ। भूत की मौत को 5 साल गुजर गए हैं, जबकि बुढ़ी माई दो साल पहले चल बसी। घर पर भूत की पत्नी के रिश्तेदारों का कब्जा हो गया है।
अखबार से जुड़े लोगों को यह भलीभांति मालूम होगा कि दीपावली का त्यौहार अखबारनवीसों, खासकर अखबार मालिकों के लिए खूब लक्ष्मी लेकर आता है। हर साल दीवाली से हफ्ते-पंद्रह दिन पहले ही प्रेस में विज्ञापनों का काम शुरू होता है और दीवाली को 20-30 पृष्ठों का अखबार निकाला जाता है, जिसमें पढऩे को तो कुछ नहीं होता, पर भरपूर विज्ञापन जरूर होते हैं। अखबारों को यही विज्ञापन चलाते हैं, पर दीपावली में अखबार मालिकों के लिए जमकर धन बरसता है। ...वह यही दीवाली के आसपास का वक्त था, जब हम लोग शाम से लेकर देर रात तक विज्ञापनों को कम्प्यूटर पर तैयार करवाते और प्रूफरीडिंग करते थे। क्योंकि यह अतिरिक्त काम होता, इसलिए रोजाना व्हिस्की की एक बोतल जरूर आती। ..और हाँ, खाना तो रोज भूत के घर पर बनता ही था। हम चार-पांच लोग जमकर पीते और खाते। मौज-मस्ती तो खैर होती ही।
वह ठंडक बरसाती उजली रात थी। करीब 10 बज रहे थे। पूरा मोहल्ला खामोश होते आ गया था और पास की बड़ी नाली से मेढ़क के टर्राने की आवाज आ रही थी। भूत ने दूसरा पैग गले से उतारने के बाद बताया कि उसे पीलिया हो गया है और पिछले कई दिनों से वह काम पर नहीं गया है। पीलिया की खबर हमारे लिए नई थी। इस पर वह पिछले कई दिनों से हमारे साथ शराब और मांस का सेवन कर रहा था। समझाईश के बाद भी वह नहीं माना तो हम सबने तय किया कि अब न उससे खाना बनवाना है और न ही उसे शराब ही पिलानी है। अगले दो दिनों तक वह इसी लालसा में आता रहा कि उसे खाने-पीने को मिलेगा, लेकिन हमने उसे साफ मना कर दिया। हालांकि उसके मुंह से देसी शराब का भभका बराबर उठता रहा। दो-तीन दिनों के बाद शाम को पता चला कि उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। ...और उसके अगले ही दिन उसकी मौत हो गई। रात करीब 8 बजे थे, जब भूत की बूढ़ी मां अपने दोनों हाथों में लाठी पकड़े दफ्तर के भीतर तक चली आई। उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। उसी ने बताया कि उसका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। पास ही एक बदनाम महिला डाक्टर भी रहती थी। इस डाक्टर की दो बोटियां हैं, लेकिन उन्हें कभी किसी ने नहीं देखा। एक बेटा भी है जो विदेश में रहता है। पति की मौत काफी पहले हो चुकी थी। कुल मिलाकर डाक्टर तीन मंजिला मकान में अकेली ही रहती थी। जब कभी उसे कोई छोटा-मोटा काम करवाना होता, भूतनाथ को ही याद किया जाता था।
...तो भूतनाथ की मौत की खबर देने जब बूढ़ी मां बड़ी मुश्किल से उस डाक्टर के घर पहुंची तो करीब 20 मिनट तक उसके घर का दरवाजा नहीं खुला। डाक्टर नीचे डिस्पेंसरी चलातीं थीं और प्रथम तल पर उसका रहना होता था। कहते हैं कि महिलाओं की विशेषज्ञ यह डाक्टर सैकड़ों अजन्में बच्चों की मौत की वजह रही हैं। और कि शहर में उसकी पहचान गर्भपात विशेषज्ञ के रूप में रही है। ...और कि ऐसा कई बार हुआ जब आसपास के इलाकों में हथेली में समा जाने वाले मृत नवजात मिले। खैर, बीस मिनट के बाद जब दरवाजा खुला तो बिना कोई जाने-समझे सबसे पहले तो डाक्टर ने बुढिय़ा को जमकर गालियां दीं। नींद खराब करने के लिए उसे जमकर कोसा। इस दौरान बुढिय़ा पूरे समय जोर-जोर से रोती रही।
महिला डाक्टर ने जब अपनी पूरी भड़ास निकाल ली तो जोरदार आवाज में पूछा, - रो क्यों रही है.. कोई मर गया है क्या? बुढिय़ा ने उसी तरह रोते हुए बताया - मोर बेटा मर गे....।
...तो मैं क्या करूं...? मेरे पास आएगी तो जिंदा हो जाएगा क्या...। - डाक्टर से इतनी बेरूखी की उम्मीद हममे से किसी ने नहीं किसी की थी।
बताए ला आए हव...- बूढिय़ा ने रोते हुए कहा तो डाक्टर का जवाब था - बता दिया न.. अब जा, चल निकल यहां से...। उसने हाथ की उंगली से ईशारा करते हुए कहा - अब मत आना मेरे पास। - इतना कहने के बाद डाक्टर ने दरवाजा बंद कर लिया। बुढिय़ा रोती हुई अपनी झोपड़ी में आ गई। पूरी तरह अकेली, एक सुनसान घर में, जहां अब उसका इकलौता बेटा भी नहीं था।
दफ्तर के सभी साथियों का मन खराब हो चुका था। किसी की काम करने की इच्छा नहीं हुई। हम सब दफ्तर बंद कर अपने-अपने घर रवाना हो गए। ..पर रात का अधिकांश वक्त करवटे बदलते हुए बीता। सुबह 10 बजे के आसपास जब दफ्तर पहुंचा तो भूतनाथ का शव लाने की तैयारी थी। झोपड़ी के बाहर बांस की अर्थी सजाई जा रही थी। थोड़ी ही देर में सरकारी एंबुलेंस में भूत का शव लाया गया। और कुछ ही देर बाद उसकी अंतिम यात्रा भी निकल गई। इस दौरान पड़ोस की महिला डाक्टर के यहां मरीजों की भीड़ लगी थी। वह अपने मरीजों में व्यस्त थी और इधर, भूत की बूढ़ी मां के आंसू रोके नहीं रूक रहे थे।
(मित्रों, इस कहानी के तीनों प्रमुख पात्रों, भूतनाथ, उसकी बूढ़ी मां और महिला डाक्टर की मौत हो चुकी है। भूतनाथ की मौत के तीन साल बाद उसकी बूढ़ी मां की गांव में मौत हो गई। जबकि डाक्टर ने अभी पिछले साल ही दम तोड़ा।)
बहुत ही अच्छी पोस्ट।
जवाब देंहटाएंइन दिनों काफी संजीदगी के साथ लिख रहे हो। तुम झगड़े-झांसे में मत पड़ो। यह काम मेरे लिए छोड़ दो।
जवाब देंहटाएंऐसे ही अपने अखबार से जुडे अनुभव भी समय-समय पर सामने लाते रहो तो अच्छा लगेगा।
जवाब देंहटाएंvery touchy....
जवाब देंहटाएंbaki bade sahab ne pahle hi kah diya hai upar, ab unki aagya mani jaye....
महिलाओं में श्रेष्ठ ब्लागर कौन- जीतिए 21 हजार के इनाम
जवाब देंहटाएंपोस्ट लिखने वाले को भी मिलेगी 11 हजार की नगद राशि
आप सबने श्रेष्ठ महिला ब्लागर कौन है, जैसे विषय को लेकर गंभीरता दिखाई है. उसका शुक्रिया. आप सबको जलजला की तरफ से एक फिर आदाब. नमस्कार.
मैं अपने बारे में बता दूं कि मैं कुमार जलजला के नाम से लिखता-पढ़ता हूं. खुदा की इनायत है कि शायरी का शौक है. यह प्रतियोगिता इसलिए नहीं रखी जा रही है कि किसी की अवमानना हो. इसका मुख्य लक्ष्य ही यही है कि किसी भी श्रेष्ठ ब्लागर का चयन उसकी रचना के आधार पर ही हो. पुऱूषों की कैटेगिरी में यह चयन हो चुका है. आप सबने मिलकर समीरलाल समीर को श्रेष्ठ पुरूष ब्लागर घोषित कर दिया है. अब महिला ब्लागरों की बारी है. यदि आपको यह प्रतियोगिता ठीक नहीं लगती है तो किसी भी क्षण इसे बंद किया जा सकता है. और यदि आपमें से कुछ लोग इसमें रूचि दिखाते हैं तो यह प्रतियोगिता प्रारंभ रहेगी.
सुश्री शैल मंजूषा अदा जी ने इस प्रतियोगिता को लेकर एक पोस्ट लगाई है. उन्होंने कुछ नाम भी सुझाए हैं। वयोवृद्ध अवस्था की वजह से उन्होंने अपने आपको प्रतियोगिता से दूर रखना भी चाहा है. उनके आग्रह को मानते हुए सभी नाम शामिल कर लिए हैं। जो नाम शामिल किए गए हैं उनकी सूची नीचे दी गई है.
आपको सिर्फ इतना करना है कि अपने-अपने ब्लाग पर निम्नलिखित महिला ब्लागरों किसी एक पोस्ट पर लगभग ढाई सौ शब्दों में अपने विचार प्रकट करने हैं। रचना के गुण क्या है। रचना क्यों अच्छी लगी और उसकी शैली-कसावट कैसी है जैसा उल्लेख करें तो सोने में सुहागा.
नियम व शर्ते-
1 प्रतियोगिता में किसी भी महिला ब्लागर की कविता-कहानी, लेख, गीत, गजल पर संक्षिप्त विचार प्रकट किए जा सकते हैं
2- कोई भी विचार किसी की अवमानना के नजरिए से लिखा जाएगा तो उसे प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा
3- प्रतियोगिता में पुरूष एवं महिला ब्लागर सामान रूप से हिस्सा ले सकते हैं
4-किस महिला ब्लागर ने श्रेष्ठ लेखन किया है इसका आंकलन करने के लिए ब्लागरों की एक कमेटी का गठन किया जा चुका है. नियमों व शर्तों के कारण नाम फिलहाल गोपनीय रखा गया है.
5-जिस ब्लागर पर अच्छी पोस्ट लिखी जाएगी, पोस्ट लिखने वाले को 11 हजार रूपए का नगद इनाम दिया जाएगा
6-निर्णायकों की राय व पोस्ट लेखकों की राय को महत्व देने के बाद श्रेष्ठ महिला ब्लागर को 21 हजार का नगद इनाम व शाल श्रीफल दिया जाएगा.
7-निर्णायकों का निर्णय अंतिम होगा.
8-किसी भी विवाद की दशा में न्याय क्षेत्र कानपुर होगा.
9- सर्वश्रेष्ठ महिला ब्लागर एवं पोस्ट लेखक को आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए आने-जाने का मार्ग व्यय भी दिया जाएगा.
10-पोस्ट लेखकों को अपनी पोस्ट के ऊपर- मेरी नजर में सर्वश्रेष्ठ ब्लागर अनिवार्य रूप से लिखना होगा
ब्लागरों की सुविधा के लिए जिन महिला ब्लागरों का नाम शामिल किया गया है उनके नाम इस प्रकार है-
1-फिरदौस 2- रचना 3-वंदना 4-संगीता पुरी 5-अल्पना वर्मा- 6 –सुजाता चोखेर 7- पूर्णिमा बर्मन 8-कविता वाचक्वनी 9-रशिम प्रभा 10- घुघूती बासूती 11-कंचनबाला 12-शेफाली पांडेय 13- रंजना भाटिया 14 श्रद्धा जैन 15- रंजना 16- लावण्यम 17- पारूल 18- निर्मला कपिला 19 शोभना चौरे 20- सीमा गुप्ता 21-वाणी गीत 21- संगीता स्वरूप 22-शिखाजी 23 –रशिम रविजा 24- पारूल पुखराज 25- अर्चना 26- डिम्पल मल्होत्रा, 27-अजीत गुप्ता 28-श्रीमती कुमार.
तो फिर देर किस बात की. प्रतियोगिता में हिस्सेदारी दर्ज कीजिए और बता दीजिए नारी किसी से कम नहीं है। प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम तारीख 30 मई तय की गई है.
और हां निर्णायकों की घोषणा आयोजन के एक दिन पहले कर दी जाएगी.
इसी दिन कुमार जलजला का नया ब्लाग भी प्रकट होगा. भाले की नोंक पर.
आप सबको शुभकामनाएं.
आशा है आप सब विषय को सकारात्मक रूप देते हुए अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगाएंगे.
सबका हमदर्द
कुमार जलजला
महिलाओं में श्रेष्ठ ब्लागर कौन- जीतिए 21 हजार के इनाम
जवाब देंहटाएंपोस्ट लिखने वाले को भी मिलेगी 11 हजार की नगद राशि
आप सबने श्रेष्ठ महिला ब्लागर कौन है, जैसे विषय को लेकर गंभीरता दिखाई है. उसका शुक्रिया. आप सबको जलजला की तरफ से एक फिर आदाब. नमस्कार.
मैं अपने बारे में बता दूं कि मैं कुमार जलजला के नाम से लिखता-पढ़ता हूं. खुदा की इनायत है कि शायरी का शौक है. यह प्रतियोगिता इसलिए नहीं रखी जा रही है कि किसी की अवमानना हो. इसका मुख्य लक्ष्य ही यही है कि किसी भी श्रेष्ठ ब्लागर का चयन उसकी रचना के आधार पर ही हो. पुऱूषों की कैटेगिरी में यह चयन हो चुका है. आप सबने मिलकर समीरलाल समीर को श्रेष्ठ पुरूष ब्लागर घोषित कर दिया है. अब महिला ब्लागरों की बारी है. यदि आपको यह प्रतियोगिता ठीक नहीं लगती है तो किसी भी क्षण इसे बंद किया जा सकता है. और यदि आपमें से कुछ लोग इसमें रूचि दिखाते हैं तो यह प्रतियोगिता प्रारंभ रहेगी.
सुश्री शैल मंजूषा अदा जी ने इस प्रतियोगिता को लेकर एक पोस्ट लगाई है. उन्होंने कुछ नाम भी सुझाए हैं। वयोवृद्ध अवस्था की वजह से उन्होंने अपने आपको प्रतियोगिता से दूर रखना भी चाहा है. उनके आग्रह को मानते हुए सभी नाम शामिल कर लिए हैं। जो नाम शामिल किए गए हैं उनकी सूची नीचे दी गई है.
आपको सिर्फ इतना करना है कि अपने-अपने ब्लाग पर निम्नलिखित महिला ब्लागरों किसी एक पोस्ट पर लगभग ढाई सौ शब्दों में अपने विचार प्रकट करने हैं। रचना के गुण क्या है। रचना क्यों अच्छी लगी और उसकी शैली-कसावट कैसी है जैसा उल्लेख करें तो सोने में सुहागा.
नियम व शर्ते-
1 प्रतियोगिता में किसी भी महिला ब्लागर की कविता-कहानी, लेख, गीत, गजल पर संक्षिप्त विचार प्रकट किए जा सकते हैं
2- कोई भी विचार किसी की अवमानना के नजरिए से लिखा जाएगा तो उसे प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा
3- प्रतियोगिता में पुरूष एवं महिला ब्लागर सामान रूप से हिस्सा ले सकते हैं
4-किस महिला ब्लागर ने श्रेष्ठ लेखन किया है इसका आंकलन करने के लिए ब्लागरों की एक कमेटी का गठन किया जा चुका है. नियमों व शर्तों के कारण नाम फिलहाल गोपनीय रखा गया है.
5-जिस ब्लागर पर अच्छी पोस्ट लिखी जाएगी, पोस्ट लिखने वाले को 11 हजार रूपए का नगद इनाम दिया जाएगा
6-निर्णायकों की राय व पोस्ट लेखकों की राय को महत्व देने के बाद श्रेष्ठ महिला ब्लागर को 21 हजार का नगद इनाम व शाल श्रीफल दिया जाएगा.
7-निर्णायकों का निर्णय अंतिम होगा.
8-किसी भी विवाद की दशा में न्याय क्षेत्र कानपुर होगा.
9- सर्वश्रेष्ठ महिला ब्लागर एवं पोस्ट लेखक को आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए आने-जाने का मार्ग व्यय भी दिया जाएगा.
10-पोस्ट लेखकों को अपनी पोस्ट के ऊपर- मेरी नजर में सर्वश्रेष्ठ ब्लागर अनिवार्य रूप से लिखना होगा
ब्लागरों की सुविधा के लिए जिन महिला ब्लागरों का नाम शामिल किया गया है उनके नाम इस प्रकार है-
1-फिरदौस 2- रचना 3-वंदना 4-संगीता पुरी 5-अल्पना वर्मा- 6 –सुजाता चोखेर 7- पूर्णिमा बर्मन 8-कविता वाचक्वनी 9-रशिम प्रभा 10- घुघूती बासूती 11-कंचनबाला 12-शेफाली पांडेय 13- रंजना भाटिया 14 श्रद्धा जैन 15- रंजना 16- लावण्यम 17- पारूल 18- निर्मला कपिला 19 शोभना चौरे 20- सीमा गुप्ता 21-वाणी गीत 21- संगीता स्वरूप 22-शिखाजी 23 –रशिम रविजा 24- पारूल पुखराज 25- अर्चना 26- डिम्पल मल्होत्रा, 27-अजीत गुप्ता 28-श्रीमती कुमार.
तो फिर देर किस बात की. प्रतियोगिता में हिस्सेदारी दर्ज कीजिए और बता दीजिए नारी किसी से कम नहीं है। प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम तारीख 30 मई तय की गई है.
और हां निर्णायकों की घोषणा आयोजन के एक दिन पहले कर दी जाएगी.
इसी दिन कुमार जलजला का नया ब्लाग भी प्रकट होगा. भाले की नोंक पर.
आप सबको शुभकामनाएं.
आशा है आप सब विषय को सकारात्मक रूप देते हुए अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगाएंगे.
सबका हमदर्द
कुमार जलजला
... बेहद मार्मिक ...!!!
जवाब देंहटाएं.... रन बनना चालू हो गया है ... बस बल्ला पकड कर पिच पर डटे रहो ...!!!
जवाब देंहटाएं.... लगता है "नाट आऊट" रहने का इरादा है नरेश भाई !!!!
जवाब देंहटाएंbahut sundar, maarmik. post. badhaai.
जवाब देंहटाएंwell naresh
जवाब देंहटाएंbut
aapne baare me itani khulabazi thik nahi nares
kal ko problem ho sakti hai
mai iz story ka eye witness raha hu
pad kar puri taswir samne ghum gayi
thanx
उन्होंने जाल फेंका।
जवाब देंहटाएंशिकार किसी तरह बच निकला।
यूं समझिए कि ख़ाकसार किसी तरह बच निकला।
भन्ना गए। सर पर दोहत्थड़ मारकर बोले, ‘‘तुम तो कहते थे भोला है। देखो तो सही साला कितना चालू आदमी है।’’
ram kare aisa ho jaye teri nindiya mujhe mil jaye
जवाब देंहटाएंtu jage , mai so jau
rites
thanx